Maha Kumbh 2025 Last Day: महाशिवरात्रि पर संगम में भारी भीड़, पुलिस सतर्क

Maha Kumbh 2025 का समापन महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर 26 फरवरी को हुआ, जब लाखों श्रद्धालुओं ने प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाई। इस अंतिम अमृत स्नान के दौरान लगभग 1.33 करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान किया, जिससे कुल श्रद्धालुओं की संख्या 64 करोड़ से अधिक हो गई। इस आयोजन ने न केवल धार्मिक आस्था को मजबूती प्रदान की, बल्कि प्रशासनिक और सुरक्षा व्यवस्था का भी एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया।

Maha Kumbh 2025 Last Day

महाशिवरात्रि और Maha Kumbh 2025 का महत्व

हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि भगवान शिव और देवी पार्वती के पवित्र मिलन का प्रतीक मानी जाती है। Maha Kumbh 2025 में इस पर्व का विशेष महत्व रहा, क्योंकि यह भगवान शिव के समुद्र मंथन से जुड़े पौराणिक प्रसंग से जुड़ा है। मान्यता है कि इसी समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश की प्राप्ति हुई थी, जिसके कारण कुंभ पर्व की परंपरा शुरू हुई।

Maha Kumbh 2025, जो 12 वर्षों में एक बार आयोजित होता है, का यह संस्करण अपनी भव्यता और श्रद्धालुओं की संख्या के मामले में ऐतिहासिक रहा। इसमें देश-विदेश से संत, महंत, अखाड़े, साधु-संत, कल्पवासी, नागा साधु और आम श्रद्धालु एक साथ शामिल हुए।

Maha Kumbh 2025 के प्रमुख स्नान तिथियाँ

Maha Kumbh 2025 में कुल छह प्रमुख स्नान पर्व आयोजित किए गए, जिनमें से तीन अमृत स्नान थे:

  • पौष पूर्णिमा (13 जनवरी): कल्पवासियों का संगम में प्रवेश और प्रारंभिक स्नान।
  • मकर संक्रांति (14 जनवरी): पहले शाही स्नान का आयोजन।
  • मौनी अमावस्या (29 जनवरी): दूसरा शाही स्नान, जिसमें सबसे अधिक श्रद्धालु स्नान करते हैं।
  • बसंत पंचमी (3 फरवरी): महत्वपूर्ण स्नान दिवस।
  • माघी पूर्णिमा (12 फरवरी): अंतिम प्रमुख स्नान तिथि।
  • महाशिवरात्रि (26 फरवरी): Maha Kumbh 2025 का अंतिम और अत्यंत महत्वपूर्ण अमृत स्नान।

सुरक्षा एवं यातायात व्यवस्था

श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रयागराज प्रशासन ने संपूर्ण क्षेत्र को ‘नो व्हीकल ज़ोन’ घोषित किया। DIG (कुंभ) वैभव कृष्ण ने बताया कि किसी को भी VIP सुविधा नहीं दी गई। इसके अलावा:

  • 37,000 पुलिसकर्मियों एवं 14,000 होमगार्ड्स की तैनाती हुई।
  • 2,750 AI संचालित CCTV कैमरे निगरानी में लगाए गए।
  • 50 वॉचटॉवर और 18 कंट्रोल रूम बनाए गए।
  • ड्रोन कैमरों से लगातार निगरानी की गई।
  • रेलवे ने 350 से अधिक विशेष ट्रेनें चलाईं।

इसके अलावा, मेले में किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए मेडिकल टीमों और एंबुलेंस सेवाओं को भी तैनात किया गया था। प्रशासन ने मेले में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न घाटों पर स्नान की योजना बनाई, जिससे श्रद्धालु सुरक्षित और व्यवस्थित रूप से स्नान कर सकें।

रेलवे की विशेष व्यवस्था

भारतीय रेलवे ने Maha Kumbh 2025 के दौरान लाखों श्रद्धालुओं के आवागमन को सुगम बनाने के लिए विशेष ट्रेनें चलाईं। प्रयागराज रेलवे स्टेशन, झूंसी, और प्रयागराज रामबाग रेलवे स्टेशन को उच्च सुरक्षा में रखा गया था।

  • 25 अतिरिक्त विशेष ट्रेनें महाशिवरात्रि के लिए चलाई गईं।
  • 850 RPF और 290 कमर्शियल स्टाफ झूंसी स्टेशन पर तैनात रहे।
  • प्रयागराज रामबाग स्टेशन पर 500 RPF और 250 कमर्शियल स्टाफ की तैनाती हुई।
  • हाई अलर्ट पर रखी गईं उत्तर मध्य रेलवे, उत्तर पूर्व रेलवे, और उत्तरी रेलवे की टीमें।

रेल मंत्रालय ने सुनिश्चित किया कि मेले में आने-जाने वाले यात्रियों को कोई कठिनाई न हो और भीड़ को व्यवस्थित रूप से संभाला जाए। इसके लिए कई स्पेशल टिकट काउंटर और हेल्प डेस्क स्थापित किए गए।

महाकुंभ के दौरान अग्नि सुरक्षा व्यवस्था

Maha Kumbh 2025 के दौरान संभावित अग्निकांडों को रोकने के लिए विशेष अग्नि सुरक्षा इंतजाम किए गए:

  • 50 फायर स्टेशन और 20 फायर पोस्ट सक्रिय रूप से कार्यरत रहीं।
  • चीफ फायर ऑफिसर प्रमोद शर्मा ने फायर ब्रिगेड की तैनाती सुनिश्चित की।
  • विशेष आपातकालीन फायर टेंडर्स को संवेदनशील स्थानों पर तैनात किया गया।
  • श्रद्धालुओं को आग से बचाव के लिए जागरूकता अभियान चलाया गया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संदेश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने Maha Kumbh 2025 के अंतिम अमृत स्नान के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि यह आयोजन भारत की सांस्कृतिक विरासत को मजबूत करता है और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है।

उन्होंने इस आयोजन की भव्यता और प्रशासन की व्यवस्थाओं की सराहना की और कहा कि यह दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है, जो भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का अद्भुत प्रदर्शन करता है।

Maha Kumbh 2025 Last Day

वाराणसी में भी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था

प्रयागराज के साथ ही वाराणसी प्रशासन ने भी महाशिवरात्रि के लिए व्यापक सुरक्षा इंतजाम किए।

  • ट्रैफिक डायवर्जन लागू किया गया।
  • प्रमुख स्थानों पर बैरिकेडिंग की गई।
  • शहर में वाहनों की एंट्री प्रतिबंधित कर दी गई।
  • गंगा घाटों पर विशेष निगरानी रखी गई।

निष्कर्ष

Maha Kumbh 2025 का अंतिम अमृत स्नान आध्यात्मिक आस्था और प्रशासनिक प्रबंधन का एक भव्य उदाहरण रहा। यह आयोजन श्रद्धालुओं के लिए धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है, जबकि प्रशासन के लिए यह भीड़ प्रबंधन की एक बड़ी चुनौती थी। प्रयागराज में करोड़ों श्रद्धालुओं ने एक साथ संगम में स्नान किया और इस दिव्य आयोजन का हिस्सा बने।

Maha Kumbh 2025 ने यह सिद्ध किया कि भारतीय परंपराएं न केवल जीवंत हैं बल्कि आधुनिक तकनीक और प्रबंधन कौशल के माध्यम से और भी प्रभावशाली बन सकती हैं।

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